कैंपा कोला अब बन चुका है रिलायंस का भारतीय कॉल्ड ड्रिंक ब्रांड, कोका कोला और पेप्सिको को टक्कर देगा

मुम्बई।

कैंपा कोला अब बन चुका है रिलायंस का भारतीय कॉल्ड ड्रिंक ब्रांड क्योंकि कैम्पा कोला को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया है। इसके खरीदने के बाद उम्मीद है ये ब्रांड अब कोका कोला और पेप्सिको को टक्कर देगा। भारत में शुरुआत से ही सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में विदेशी कंपनियों का ही दबदबा था। लेकिन दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी के भारतीय ब्रांड कैंपा कोला को खरीदने के बाद उम्मीद है यह कोका कोला और पेप्सिको को टक्कर देगा।

भारत का सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट 2027 तक 11 अरब डॉलर का होगा। रिलायंस भारतीय बाजार में कैंपा कोला ब्रांड द्वारा कोका कोला और पेप्सिको पर दबदबा बढ़ाना चाहता है। कोका कोला का मार्केट कैप 266 और पेप्सिको का 244 अरब डॉलर के आसपास है।

कोल्ड ड्रिंक का कोई भी स्वदेशी ब्रांड दुनिया की टॉप 3 कंपनियों के आसपास भी नहीं है। लेकिन, हमेशा से ऐसा नहीं था। एक समय था, जब भारतीयों के पास अपना देशी सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड था, जिसके स्वाद का हर कोई दीवाना था। उसका नाम था, कैंपा कोला।

भारत में शुरुआत से ही सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में विदेशी कंपनियों का ही दबदबा था। लेकिन, 1977 में इमरजेंसी हटने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और जनता पार्टी की सरकार बनी। नई सरकार की नीतिगत बदलावों के चलते भारतीय बाजार का स्वरूप ही बदल गया।

कैंपा कोला का जोर ‘राष्ट्रवादी साख’ पर भी था, क्योंकि यह विशुद्ध ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड था। और कंपनी ने इसे भुनाने में कभी कोई कोताही नहीं बरती। कंपनी ने शुरुआत में भले ही नौजवानों पर फोकस किया, बाद में बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक इसके खरीदार बन गए थे।

कोका कोला और पेप्सी की गलाकाट होड़ में भारतीय कंपनियों का वजूद बिखर गया। थम्स अप को तो कोका कोला ने ही खरीद लिया। फिर कैंपा कोला भी धीरे-धीरे मार्केट से गायब हो गया। लेकिन, इसके कद्रदानों की आज भी मौजूद हैं और उनका दावा है कि कैंपा का स्वाद वैश्विक कंपनियों के मुकाबले कहीं ज्यादा अच्छा था।

अब रिलायंस कैम्पा कोला के उसी स्वाद को लेकर पूरे दम खम के साथ सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में विदेशी कंपनियों को पूरी टक्कर देने की तैयारी में है।

 

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