विटामिन ए बच्चों की सेहत के लिए एक जरूरी पोषक तत्व
– सीएमओ ने 16 माह के रियांश को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर किया अभियान का शुभारंभ
– 5.78 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की खुराक
– नौ माह से पांच वर्ष की अवस्था तक विटामिन ए की नौ खुराक से मिलता है बच्चे को पोषण
आगरा, 04 दिसंबर 2024
जनपद में विटामिन ए सम्पूर्ण कार्यक्रम के तहत 5.78 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी । नौ माह से पांच वर्ष तक की अवस्था के बच्चों को इस सीरप की कुल नौ खुराक लेना अनिवार्य है । ऐसा करने से बच्चों को पोषण मिलता है और उनका बीमारियों से बचाव होता है।
इसके लिए एक माह तक अभियान चलेगा जिसका आगाज बुधवार से हो गया। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहा मंडी सेकंड के कार्य क्षेत्र गढ़ी भदौरिया शांतिपुरम स्थित पूर्व आयुर्वैदिक क्लिनिक पर आयोजित सत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने रियांश और सिद्धार्थ को विटामिन ए की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया ।
अभियान के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में नौ से बारह माह के 65531 बच्चों को यह दवा दी जाएगी। विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम के अंतर्गत ही एक से दो वर्ष तक के 1.12 लाख बच्चों को और दो से पांच वर्ष तक के 3.87 लाख बच्चों को इस दवा का सेवन करवाया जाएगा ।
इस अभियान में एएनएम का सहयोग आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी । बच्चों को यह दवा खसरे से बचाव के प्रथम और दूसरे टीके के साथ दी जाती है और इसके अलावा प्रत्येक छह माह पर अभियान के दौरान भी इसका सेवन कराया जाता है । छाया वीएचएसएनडी और छाया यूएचएसएनडी सत्रों पर बच्चों को लाकर इस दवा का सेवन करवाया जाता है । प्रत्येक सरकारी अस्पताल में यह दवा उपलब्ध है । इसे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है ।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि विटामिन ए की कमी छोटे बच्चों में अंधेपन का प्रमुख कारण है जिसे दवा सेवन से दूर किया जा सकता है। इसकी कमी बच्चों के विकास को बाधित कर सकती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बाधित करती है। खसरा व दस्त पीड़ित बच्चों में इसकी कमी हो जाने से मृत्यु की आशंका अधिक होती है।
टीकाकरण के साथ इस सीरप की सही और उम्र विशिष्ट खुराक देने पर करीब दस फीसदी बच्चों में दस्त, सिरदर्द, बुखार और चिड़चिड़ापन जैसे हल्के लक्षण दिखते हैं जो बिना उपचार के 24 से 48 घंटों के भीतर स्वतः ठीक हो जाते हैं । वर्ष 2013 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विटामिन ए की कमी को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या घोषित किया है क्योंकि यह पाया गया कि विश्व में छह से 59 माह के प्रत्येक तीन बच्चों में से एक बच्चे को यह प्रभावित करता है । इस स्थिति से निपटने के लिए सरकारी प्रावधानों के तहत यह सीरप उपलब्ध कराया जा रहा है। विटामिन ए बच्चों की सेहत के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है।
लोहामंडी द्वितीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेश सक्सेना ने बताया कि बुधवार को आयोजित सत्रों पर नौ से पांच वर्ष तक के 76 बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई गई। उन्होंने बताया कि सत्र स्थल तक अभिभावकों को उनके बच्चों के साथ लाना है और बच्चों को सीरप का सेवन करवाना है। अलग अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए सीरप की अलग अलग डोज निर्धारित की गयी है । छूटे हुए बच्चों और उदासीन परिवारों को खासतौर से प्रेरित कर इस अभियान से जोड़ा जाएगा ।
लोहा मंडी द्वितीय के क्षेत्र में आने वाले शांतिपुरम की निवासी 16 माह के सिद्धार्थ की माँ विद्या बताती है कि विटामिन ए की खुराक बच्चों को पिलाने के बारे में मुझे आशा कार्यकर्ता बेबी रानी ने बताया। साथ ही उन्होंने हमें जानकारी देते हुए बताया कि विटामिन ए की खुराक पिलाने से बच्चों की सेहत में सुधार होता है, आंखों की रोशनी बढ़ती है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है । हमने अपने बच्चे को बच्चों को बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलवाई है।
उदघाटन सत्र के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी, एनएचएम के डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, एएनएम प्रियंका, एनआई संस्था की डिविजनल कोऑर्डिनेटर विद्या, यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ, यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद शर्मा व समस्त स्टाफ मौजूद रहा।