चिन्हित पंचायत में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सामुदायिक बैठक
समय पर अगर हो इलाज तो टीबी नहीं है लाइलाज बीमारी
लखीसराय-
सरकार के महत्वाकांक्षी योजना में से एक टीबी मुक्त पंचायत बनाने की पहल के लिए जिले के टीबी विभाग ने अपनी पहल तेज कर दी है। इसको लेकर जिले के हर प्रखंड के दो चिन्हित पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत बनाना है। इस अभियान के लिए आशा एवं आगंनवाडी के साथ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी टीबी मुक्त मुक्त पंचायत के लिए हर जरुरी उपाय कर रहे हैं ये कहते हुए जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ श्रीनिवास शर्मा ने बताया की।
समुदाय को इस बीमारी से जागरूक करने के साथ -साथ पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत बनाने हेतु सभी हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र के सीएचओ को भी निर्देश दिया गया है की वो अपने क्षेत्र में गाँव के लोगों के साथ टीबी उन्मूलन के लिए बैठक करें जिसमें उस गाँव को आशा – आगंनवाडी भी मौजूद हों।
डॉ शर्मा ने बताया की अगर समय पर इलाज मिल जय तो टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। इस बात को पुरे समाज में प्रचारित करना है। ताकि जो लोग इस संक्रामक बीमारी के चपेट में आ जाते हैं वो अपना इलाज बिना किसी झीझक के अपना इलाज करवा सकें।
इसके लिए बैठक में लोगों को टीबी बीमारी के लक्षण के बारे में भी बताया जा रहा है। जिससे लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक रहने के साथ साथ लक्षण पहचानकर नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में अपना निःशुल्क इलाज कराकर पुनः अपनी जिन्दगी को सुचारू रूप से चला सकें।
– ये हैं टीबी के लक्षण:
– भूख न लगना, तथा वजन अचानक कम हो जाना।
– बेचैनी एवं सुस्ती रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट व रात में पसीना आना।
– संध्या के समय बुखार रहना।
– दो सप्ताह से अधिक खांसी होना तथा बलगम में खून आना।
– गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाना तथा वहीं फोड़ा होना।
– गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
– महिलाओं को बुखार के साथ गर्दन जकड़ना, आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।
– पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।
– टीबी न्यूमोनिया के लक्षण में तेज बुखार, खांसी व छाती में दर्द होता है।