सफलता के विभिन्न आयाम

 

सफलता क्या है ??

4 वर्ष की आयु में सफलता यह है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

8 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने घर वापिस आने का रास्ता जानते है।

12 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने अच्छे मित्र बना सकते है।

18 वर्ष की आयु में मदिरा और सिगरेट से दूर रह पाना सफलता है।

25 वर्ष की आयु तक नौकरी पाना सफलता है।

30 वर्ष की आयु में एक पारिवारिक व्यक्ति बन जाना सफलता है।

35 वर्ष की आयु में आपने कुछ जमापूंजी बनाना सीख लिया ये सफलता है।

45 वर्ष की आयु में सफलता यह है कि आप अपना युवावस्था बरकरार रख पाते हैं।

55 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी करने में सक्षम हैं। तनाव मुक्त है।

65 वर्ष की आयु में सफलता है निरोगी रहना।

70 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप आत्मनिर्भर हैं किसी पर बोझ नहीं। परिवार में आपका सम्मान बना हुआ है।

75 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने पुराने मित्रों से रिश्ता कायम रखे हैं। परिवार आपका ध्यान रखता हो।

80 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आपको अपने घर वापिस आने का रास्ता पता है। अपनो की पहचान बनी रहें। कान ठीक से सुने, आंखें देख पाती हो, भले ही चश्में से देखें।

और 85 वर्ष की उम्र में फिर सफलता ये है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

100 वर्ष में भी स्वस्थ रहा जा सकता है। अगर आपने अपने शरीर को अपने जीवन की पूंजी समझ कर ध्यान रखा है तो ये शरीर 100 वर्ष में भी आपका मनोबल बढाने में सक्षम होगा। आपके चाहने वालो की संख्या बनाये रखेगा। आप इस आयु में समाज में अधिक सम्मान पायेंगे।

अंततः यही तो जीवन चक्र है। जो घूम फिर कर वापस वहीं आ जाता है जहाँ से उसकी शुरुआत हुई है और

*यही जीवन का परम सत्य है।*

संभाल कर रखिए अपने को, जीवनशैली को हर समय आनन्दित बनायें।

मुस्कान योग करें, स्वस्थ रहेंं, मस्त रहें। तनाव मुक्त रहें।

 

श्री गुरुजी भू

मुस्कान योग के प्रणेता

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