– शरीर के भीतर फाइलेरिया परजीवी मौजूद थे वो मर रहे हैं
जमुई।
जिले में 10 फरवरी से एमडीए राउंड चल रहा है। इसमें फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जा रही हैं जो गुणवत्ता एवं प्रभाव के स्तर पर पूर्णता सुरक्षित है। फिर भी यदि किसी व्यक्ति में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायत आती है, तो इसे शुभ ही माना जाना चाहिए। इस आशय की जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार धुसिया कहते हैं इसका अर्थ है कि उस व्यक्ति के शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे। दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी-मोटी शिकायत हो सकती है। अगर इसे दूसरे रूप में समझें तो यह एक शुभ संकेत है कि दवा फाइलेरिया परजीवी को मारने में असरदार साबित हो रही है।
उन्होंने बताया कि दवा का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करें। खाली पेट दवा सेवन करने से भी दवा का कुछ प्रतिकूल असर आता है। हालांकि जिले में अभी तक इस तरह का कोई गंभीर मामला देखने को नहीं मिला है। लेकिन एक बात हमेशा याद रखें यदि फाइलेरिया के परजीवी शरीर में मौजूद हों और दवा का सेवन नहीं किया गया तो फाइलेरिया से संक्रमित होने की सम्भावना बनी रहेगी। यह परजीवी 5 से 10 साल के बाद भी आपको फाइलेरिया से ग्रसित कर सकते हैं। इसलिए हमें हर हाल में दवा सेवन ख़ुद करना होगा और अपने परिजनों को भी कराना होगा।
आपका दवा सेवन करना ही फाइलेरिया को आपके परिवार, समाज, राज्य एवं देश से दूर कर सकता है. डॉ धुसिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर है। गाँव से लेकर जिला स्तर पर स्वास्थ्य कर्मी किसी भी तरह की समस्या से आपको बचाने के लिए तैयार हैं।
उम्र के अनुसार दवा का करना है सेवन :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. धुसिया ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन अभियान में 2 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की 1 गोली, 06 वर्ष से 15 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की 2 तथा अल्बेंडाजोल की 1 गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की 3 तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी।
ध्यान रखने योग्य जानकारी :
– खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।
– दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।
– अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।
– फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।