फाइलेरिया उन्मूलन : सर्व जन दवा सेवन अभियान में अभी तक 3 लाख से अधिक लोगों ने खायी दवा

फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचने का मात्र उपाय है ससमय दवा खाना : सिविल -सर्जन
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाया जा रहा है सर्व जन दवा सेवन अभियान

शेखपुरा।

फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो अगर किसी इंसान को हांथी पाँव के रूप में हो जाय, तो पूरी जिन्दगी ना चाहते हुए भी इस बोझ के साथ जीने को विवश हो जाता है। इसलिए इस गंभीर परिस्थिती से बचने हेतु जब भी आपके क्षेत्र में सर्व जन दवा सेवन अभियान चलाया जाय तो जरुर खायें दवा।

ये कहते हैं जिला सिविल -सर्जन डॉ संजय कुमार।
डॉ कुमार ने बताया की अभी जिले में इस बीमारी से बचने के लिए सर्व जन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है जिसमें कुल 3,95,300 लोगों ने दवा खाया है। जो कुल निर्धारित लक्ष्य का 49% है। निर्धारित लक्ष्य को हम पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

इस अभियान को पूरा करने के लिए पूरे जिले में कुल 347 टीम को लगाया गया है। टीम के साथ सभी प्रभारी को साफ निर्देश दिया है की लोग जरुर दवा खायें इसके लिए पूरे अभियान चलने तक मोनीटरिंग करते रहें एवं जो लोग दवा खाने से इनकार करें उन्हें फाइलेरिया जैसी बीमारी से होने वाले नुकसान तो बतायें ही साथ ही दवा खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं है इस बात के लिए भी जागरूक करें।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया या हाथी पांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मादा क्यूलेस मच्छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है।

आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
याद रखें :
* दो साल से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है
* गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को छोड़कर सभी स्वस्थ लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना है
• फाइलेरिया रोधी दवा कभी भी खाली पेट नहीं खानी है।

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