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लॉकडाउन में फंसे लोग स्पेशल ट्रेनों एवं बसों से लौटेंगे अपने घर

• गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स

• देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों एवं विद्यार्थियों को आवाजाही की अनुमति

• राज्यों को नामित करने होंगे नोडल अथॉरिटीज

• जांच के बाद ही घर लौटने की मिलेगी मंजूरी

 

बेगूसराय – 2 मई:

कोरोना संक्रमण के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे राज्य के प्रवासी मजदूर, पर्यटक एवं विद्यार्थी अब स्पेशल ट्रेनों एवं बसों से अपने घर सुरक्षित लौट सकेंगे. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने फंसे हुए लोगों को आवाजाही की अनुमति दे दी है. इसको लेकर गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर विस्तार से जानकारी भी दी है. जारी दिशानिर्देश के अनुसार फंसे लोगों को उन्हें अपने राज्य भेजने एवं दूसरी जगहों में फंसे हुए अपने नागरिकों को बुलाने के लिए राज्यों को स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल तैयार करने होंगे. साथ ही सभी राज्यों को इसके लिए नोडल अथॉरिटीज भी नामित करने होंगे.

 

बसों के साथ स्पेशल ट्रेनों का भी किय जाएगा प्रयोग:

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जारी गाइडलाइन्स में बताया है कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर, पर्यटक एवं विद्यार्थियों को बसों के साथ स्पेशल ट्रेनों से घर पहुँचाया जाएगा. इन स्पेशल ट्रेनों का संचालन रेलवे मंत्रालय द्वारा किया जाएगा. रेलवे मंत्रालय इसके लिए नोडल पदाधिकारी को नामित करेगा जो लोगों की आवाजाही के लिए संबंधित राज्यों से समन्वय स्थापित करेंगे. साथ ही रेलवे मंत्रालय टिकटो की विक्री के विषय में विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी करेगी. लोगों की आवाजाही में कोरोना संक्रमण का किसी भी तरह से प्रसार न हो इसके लिए रेलवे प्लेटफार्म एवं स्टेशन सहित ट्रेनों के अन्दर सामाजिक दूरी सहित अन्य रोकथाम के उपायों को भी अपनाया जाएगा.

 

इन नियमों का अनुपालन करना होगा अनिवार्य: 

 

• सभी राज्यों को नोडल अथॉरिटीज नामित करने होंगे. ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहाँ फंसे लोगों का पंजीकरण करेंगी

• जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होगी, वहाँ की नामित अथॉरिटीज को एक दूसरे से संपर्क स्थापित करना होगा

•  फंसे हुए लोगों में जो भी अपने घर जाना चाहेंगे, उनकी पहले स्क्रीनिंग की जाएगी. यदि किसी भी व्यक्ति में कोरोना के संभावित लक्षण दिखे, तो उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

• फंसे हुए लोगों को घर पहुँचाने के लिए बसों एवं स्पेशल ट्रेनों का प्रयोग किया जाएगा. साथ ही बसों को सैनिटाइज भी किया जाएगा एवं सामाजिक दूरियों के तहत बसों में बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी

• दूसरे राज्य की सीमा में पहुँचने पर बसों को आगे जाने से रोका नहीं जाएगा

•  गंतव्य पर पहुँचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ अथॉरिटीज द्वारा जांच की जाएगी. जांच करने के बाद लोगों को होम क्वारंटाइन किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन भी किया जा सकता है. समय-समय पर लौटे हुए लोगों की हेल्थ चेकअप भी होगी.

• वापस लौटे लोगों को भारत सरकार द्वारा निर्मित आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके

 

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