पर्यावरण दिवस पर संकल्प लें कि हम प्रकृति माँ का शोषण नही करेंगे। – गुरुजी भू

आज विश्व पर्यावरण दिवस है एक बार फिर से हार्दिक शुभकामनाएं।

विश्वमित्र परिवार द्वारा पिछले 20 वर्षों से संपूर्ण पर्यावरण संरक्षण महाभियान चलाया जा रहा है इस महा अभियान में बहुत से बिंदु हैं जिन पर चर्चा होती रही है। 131 सेमिनार इन विषयों पर हो चुके हैं लेकिन वह सब  सेमिनारोंं का निष्कर्ष इस समय कोरोना काल में निकल कर सामने आया। प्रकृति ने स्वयं ही अपना रूप दिखाया और इस कोरोना मंहामारी के रूप में जो प्रकृति ने अपना संतुलन बनाया है। स्वयं ही सारा पर्यावरण स्वच्छ हो गया। हमारे 20 वर्षों की तपस्या का फल इस बार दिखाई दे रहा है। आकाश नीला है, समुद्र का पानी भी कुछ साफ हुआ। नदियों में प्रदूषण की मात्रा बहुत कम हो गई है। इस केवल 2 महीने में 20 वर्षों के प्रयास देखने को मिले क्योंकि प्रकृति ने स्वयं आगे बढ़कर यह कार्य किया है। इसलिए प्रकृति का सम्मान करना प्रकृति मां का शोषण ना करने का संकल्प इस पर्यावरण दिवस पर लें ताकि आगे हमें किसी भी ऐसी महामारी का सामना ना करना पड़े।  प्रकृति सदैव हम पर ममता मां की तरह ममता बरसाती रहे। क्योंकि हमने जब जब शोषण किया तब तब प्रकृति मां ने अपना विकराल रूप दिखाकर हमें सचेत करने की कोशिश की लेकिन हम सचेत नहीं हुए। इसलिए इस कोरोना काल में अपने घरों में कैद होकर कम से कम यह तो सोचे कि हम लोग प्रकृति का शोषण ना करें। दोहन करने की अनुमति तो प्रकृति स्वयं ही देती है। तो संकल्प लेना होगा और आगे बढ़ना होगा इन्हीं परिस्थितियों में आगे बढ़ना होगा। सहयोग और सहकारिता के आधार पर आगे बढ़ना है। मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना है और प्रकृति के कण कण का सम्मान करते हुए आगे बढ़ना है। पशु-पक्षी पेड़-पौधे जीव-जंतु जितने भी प्रजाति पृथ्वी पर मानव के अलावा हैं उन सब का मानव को ही संरक्षण करना चाहिए। मानव को ही इन सब का सम्मान करना चाहिए। दुखद घटनाएं जीवो की हत्या और निर्मम हत्या, क्रूरता पूर्ण हत्या अभी हथनी की हुई है। अत्यंत ही निन्दनीय है।

बहुत सारे लोग जिन्होंने जीवों की रक्षा की है। वहीं कुछ महा क्रूर लोग इस सृष्टि में हैं। जो निरपराधी जीवों को बडी ही क्रूरतापूर्ण हत्या करते है। उन लोगों से बचना होगा। एसे लोग मानवता के नाम पर कलंक है। उन्हें समझाना होगा और ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिले यह भी इस पर्यावरण दिवस पर हमें समझना होगा। सब परिस्थितियों में हम सब जीवो को सम्मान देना सीखे यही सच्ची पर्यावरण दिवस की परिकल्पना होगी। अन्यथा मिटिंग, सेमिनार, वर्कशॉप, भाषण बाजी खूब करते रहो इन सब से कुछ होने वाला नहीं। हम सब मिलकर संकल्प बद्ध तरीके से कार्य करेंगे तो पर्यावरण संरक्षण होगा प्रकृति मां की रक्षा होगी संरक्षण होगा और उसमें जितने भी तत्व हैं उन सब को सम्मान देना ही होगा।

 

गुरुजी भू , भावना, विश्व मित्र परिवार

 

 

वृक्षों से भर दें वसुंधरा को, प्रेम करों सब जीवों को।
प्रकृति माँ का करें वन्दन, नमन हमारा कण कण को।

– गुरुजी भू

प्रकृति प्रेमी, विश्व मित्र परिवार के संस्थापक

 

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