एनडीआईएम में एमबीए का 22 वां दीक्षांत समारोह का आयोजन

-कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने छात्रों को बधाई दिया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की कामना की

-इस मौके पर पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल और मंहिद्रा एंड मंहिद्रा ग्रुप के एमडी व सीईओ डॉ पवन गोयनका उपस्थित थे।

नईदिल्ली- –

 

एनडीआईएम में 22 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस खास मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मुख्य अतिथि के रूप में ऑनलाइन छात्रों को संबोधित किया। इस मौके पर पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल, महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी और सीईओ पवन गोयनका ने भी छात्रों को संबोधित किया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर सबसे पहले एनडीआईएम के चेयरमैन वीएम बंसल ने कालेज का विस्तृत ब्योरा दिया। जिसमें उन्होंने अब तक संस्थान द्वारा प्राप्त किए गए उपलब्धियों पर भी चर्चा की एवं पूर्व छात्रों की उपलब्धियों को भी दर्शाया। इस मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने संबोधित करते हुए कहा कि आज शिक्षा भी बदल चुका है। और इसे ग्रहण करने के तरीके भी बदले हैं। आज छात्रों के ज्यादा चुनौतियों को सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में युवा को ही आगे का रास्ता भी निकालना है। देश अब आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है जिसके लिए युवाओं की भूमिका ज्यादा महत्तपूर्ण हो जाता है।

इस मौके पर पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल ने कहा कि देश में कई चुनौतियां है और उद्योग जगत में कई तरह की चुनौतियां आई हैं लेकिन देश का उद्योग इन सबसे निपटने को तैयार है। छात्रों को वैश्विक स्तर पर नित्य प्रतिदिन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। बिजनेस में ऐसी चुनौतियां आएंगी। लेकिन हमें आगे बढ़ना है।

छात्रों को संबोधित करते हुए महिंद्रा एंड मंहिद्रा के एमडी एवं सीईओ डॉ पवन गोयनका ने कहा कि अब स्वदेश का महत्व ज्यादा बढ़ गया है। हमें बाजार भी तलाशना है और अपने उत्पाद को आगे भी बढ़ाना है। आज जो भी छात्र यहां से जा रहे हैं उनपर ही देश का भविष्य है। खासकर एनडीआईएम को हम बधाई देते हैं जो नित्य नए ऊंचाईयों को छू रहा है।

अंत में एनडीआईएम के चेयरमैन वीएम बंसल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि आज एमबीए के 22 दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ है हमारे सामने अब विशेष चुनौतियां आई हैं जिसको लेकर हमसब मिलकर निपट लेंगे। खास तौर पर देश का नेतृत्व ऐसे हाथों में है जो चुनौतियां से बेहतर रूप से निपटने के लिए जाने जाते हैं। हम सब उनके साथ हैं.

 

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