अब और एक्टिव होगा संजीवन ऐप

– राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के कार्यपालक निदेशक ने सिविल सर्जन को लिखा पत्र
– ऐप को पूर्णता उपयोग करने एवं निवारण के लिए आवश्यक निर्देश देने को कहा
– ऐप का प्रशिक्षण जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी को दिया गया है
लखीसराय, 15 सितम्बर
सूबे में ‘संजीवन ऐप’ की उपयोगिता और महत्व को बढ़ावा देने के साथ आम जनों तक इसका लाभ सुनिश्चित करने की कवायद में स्वास्थ्य विभाग लगा है। बता दें कि यह ऐप आरोग्य सेतु एप की तर्ज पर बिहार सरकार द्वारा विकसित किया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि यह ऐप कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों की इलाज का रास्ता आसान बना देगा। यह ऐप संक्रमण काल में ऐसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराता है जो एक आम नागरिक और उपचाराधीन को जरूरत होती है। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति को ‘संजीवन ऐप’ को पूर्णता उपयोग करने एवं निवारण के संबंध में पत्र लिखा है। इसे विशेष रूप से एक्टिव बनाए जाने मो कहा है।
– होम आइसोलेशन की पूरी जानकारी
पत्र में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव और सुविधा संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी आम जनों तक उपलब्ध कराने हेतु ‘संजीवन ऐप’ विकसित किया गया है। इसे गूगल प्ले स्टोर या स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार या राज्य स्वास्थ समिति, बिहार की वेबसाइट से मोबाइल पर डाउनलोड एवं इंस्टॉल कर आम जनों के द्वारा उपयोग किया जा रहा है। कार्यपालक निदेशक ने पत्र में बताया है कि ‘संजीवन ऐप’ का प्रशिक्षण वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी को दिया गया है। राज्य स्तर से इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने सिविल सर्जन, सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति, बिहार से अनुरोध किया है कि वह जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी को निर्देश दें कि ‘संजीवन ऐप’ के माध्यम से होम आइसोलेशन हेतु किए गए स्व-घोषणा को कोविड-19 बिहार वेब पोर्टल पर अप्रूव या रिजेक्ट करना सुनिश्चित करें ताकि स्व-घोषणा करने वाले मरीजों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।
– ओटीपी प्राप्त करते सैंपल लिया जाए
पत्र में यह भी कहा है कि ‘संजीवन ऐप’ के माध्यम से प्राप्त होने वाले सभी शिकायतों का निवारण ततक्षण करते हुए उक्त पोर्टल पर दर्ज करना सुनिश्चित करें, ताकि शिकायतकर्ता को शिकायत निवारण की जानकारी प्राप्त हो सके। इसी पत्र में यह भी कहा गया है कि जिले में कोविड-19 जांच हेतु कार्यरत सभी सैम्पल कलेक्शन सेंटर को निर्देश दें कि कोविड जांच हेतु उक्त ‘संजीवन ऐप’ के माध्यम से स्वयं पंजीकृत व्यक्तियों से ओटीपी प्राप्त करते हुए सैंपल लिया जाए एवं उक्त पोर्टल पर दर्ज करते हुए सैंपल जांच की कार्रवाई करना शुरू सुनिश्चित किया जाए।
‘संजीवन ऐप’ में उपलब्ध होने वाली सुविधाएं
– कोविड-19 जांच हेतु स्वयं पंजीकरण।
– नजदीकी जांच केंद्र की जानकारी।
– नजदीकी आइसोलेशन सेंटर की जानकारी।
– कोविड-19 जांच का परिणाम प्राप्त करना।
– होम आइसोलेशन के लिए स्व-घोषणा
– चैट बॉक्स की सुविधा।
– नजदीकी कोविड स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी।
– आइसोलेशन सेंटर में बेड की उपलब्धता की जानकारी।
– सामान्य प्रश्न पूछने की सुविधा।
– कोरोना की आम जानकारी की उपलब्धता/फीडबैक देने की सुविधा।
– राज्य एवं जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष संख्या मोबाइल नंबर की जानकारी।
– एंबुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर 102 पर चिकित्सक की सलाह व टोल फ्री नंबर 104 पर सीधे डायल करने की सुविधा।
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