विपक्ष की परेशान सत्ता प्राप्ति तो मोदी की राष्ट्र को सुदृड बनाना – गुरुजी भू

नरेन्द्र दामोदर दास मोदी एक गज़ब की शख्सियत :-

भले मोदी से आपको लाख शिकायतें हो !
भले मोदी से हजारों प्रश्न हो !

किन्तु मोदी एक ऐसी शख्सियत हैं !

जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता !

चाहे आप मोदीभक्त हो ! आलोचक हो ! या अन्धविरोधी !
परन्तु केंद्र में आपके मोदी ही रहेंगे !

यही इस “रहस्यमयी” शख्स की “पहचान” बन चुकी हैं ! यही इस शख्स की ताकत हैं! मोदी हर बार चौकाते हैं। वे आपको चुनौती देते हैं उन्हें समझने की,
उनके अगले कदम की आहट को सुनने की।

किन्तु मोदी की चाल आपको समझ आये तब तक शह-मात हो चुकी होती हैं।
मोदी दो विचारधाराओं की शतरंज के वो खिलाड़ी है, जो विरोधी को चाल चलने की पूर्ण स्वतंत्रता देते हैं।

किन्तु जब तक मोदी की चाल विरोधी को समझ आये,
तब तक खेल समाप्त हो चुका होता हैं।

चाहे वो नोटबन्दी जैसा विशाल ह्रदय वाला निर्णय हो, 370 जैसा 56 इंची फैसला, राममंदिर निर्माण जैसा स्वप्निय क्षण हो या वर्तमान में चीन की आँख में आँख डालकर घर में घुसकर धमकी देना ये सब उनके हिमालयीन व्यक्तित्व के विराट स्वरूप की गवाही देते है।

पूर्व सरकारों में जो 370, राममंदिर, नोटबन्दी, तीन तलाक, खुले से शौचमुक्त, चीन की आंख में आंख डालना जैसे कार्य असम्भव से लगते थे उन कार्यो को मोदी सरकार ने मात्र 6 वर्षो में पूर्ण कर दिया।

मोदी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत विरोधियों द्वारा फेंके गए पत्थरों से सीढ़ी बनाकर लक्ष्य तक पहुंच जाना है, जो हर किसी के बस में नहीं होता.

मोदी के विराट व्यक्तित्व को समझने के लिए उनके 19 वर्षो के राजनीतिक सँघर्ष को समझना होगा. जिसे उन्होनें अकेले अपने दम पर लड़ा. मुसाफिर अकेला चलता गया, कारवाँ जुड़ता गया.

2002 गुजरात दंगों के लिए “मोदी विरोधी नरेटिव” बनाकर 15 वर्षो तक टुकड़े गैंग(लिब्रल्स, अर्बन नक्सल, वामपंथी) मोदी के पीछे हाथ धोकर पड़ी रही।
कांग्रेस ने भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

मोदी के ऊपर झूठे आरोप लगाकर प्रत्येक मंच से उनका बहिष्कार किया गया.
कौन भूल सकता है वह समय जब भारत के भीतर ही बैठे देशविरोधी मानसिकता वाली बुद्धिजीवी जमात ने अपने ही देश के मुख्यमंत्री को अमेरिका में बैन करने हेतु अमेरिका को चिट्ठी लिखी।

मोदी अमेरिका में बैन भी हुए।

ऐसा कोई क्षेत्र, मोर्चा नहीं छोड़ा गया, जहाँ मोदी का विरोध नहीं किया गया हो।
विरोधियों ने उन्हें पूरी तरह से अलग-थलग कर गुजरात तक सीमित कर दिया।
चौतरफ़ा हमलों के विरूद्ध मोदी अकेले दम पर लड़ते रहे।
उस वक्त सोशल मीडिया नहीं था।
ये वो दौर था जब आपको पता भी नहीं था मोदी कितने कठिन दौर से गुजर रहे होंगे।
कोई और शख्सियत होती तो शायद टूटकर बिखर जाती, पराजय स्वीकार कर गुमनामी के अंधेरों में कहीं गुम हो जाती।
लेकिन जैसे मानो ये शख्स कुछ अलग ही मिट्टी का बना हुआ था।
सभी हमलों को झेलकर मोदी वैसे ही निखरकर सामने आ गए जैसे आग में तपकर कुंदन निखरता है।

आज मोदी का स्वागत वही अमेरिका व्हाइट हाउस में कर रहा है जिसने कभी उनपर बैन लगाया था।

आज वही अमेरिका मोदी की उंगली पकड़कर हाउडी मोदी कर रहा है। मोदी का सम्मान दुनियाभर के मंच कर रहे है और मोदी को अलग-थलग करने का षड्यंत्र रचने वाले विरोधी खुद एक कोने में अलग-थलग पड़े कुंठा में जी रहे हैं।

आप भले मोदी को पसंद करें या नापसंद ! आपको मोदी से लाख उम्मीदे हो या नाराज़गी ! लेकिन आप इस शख्स को नजरअंदाज कतई नहीं कर सकते !
हमें पूर्ण विश्वास है मोदी जी आगे भी प्रत्येक मोर्चो पर सफल रहेंगे विशेषरूप से देश के अंदरूनी हालातों पर हमें उनसे कहीं अधिक आशाएं है।

ईश्वर यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी को स्वस्थ्य रखे,
लम्बी आयु प्रदान करें व सफल बनाए।

साभार

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