गौतम अडानी ने 18 साल की उम्र में ही कॉलेज छोड़ दिया था और मुंबई बिज़नेस करने चले गए थे। अज़ीम प्रेमजी ने पढ़ाई छोड़ने के 34 सालों बाद दोबारा पढ़ाई पूरी की।
जनसत्ता ऑनलाइन
Edited By Radha Vermaं
मुकेश अंबानी और गौतम अडानी
बच्चों को अक्सर ये कहकर पढ़ाया जाता है कि अगर नहीं पढ़ोगे तो जीवन में कुछ नहीं कर पाओगे। और ये बात सच भी है। लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे अरबपति हुए हैं जो या तो कभी स्कूल गए ही नहीं या फिर उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इस लिस्ट में मुकेश अंबानी से लेकर अज़ीम प्रेमजी का नाम शामिल है। ये आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार किए जाते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विश्व के सबसे धनी व्यक्तियों में शामिल बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग भी कॉलेज ड्रॉप आउट रह चुके हैं। आज हम ऐसे ही भारत के कुछ अरबपतियों के बारे में बता रहे हैं।
गौतम अडानी- भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी ने 18 साल की उम्र में ही कॉलेज छोड़ दिया था। उन्हें अपना बिज़नेस करने की ललक थी इस कारण कॉलेज छोड़ बिज़नेस करने के लिए वो मुंबई रवाना हो गए। जब वो घर से निकले थे तब उनकी जेब में महज कुछ सौ रुपए ही थे। बिज़नेस इंसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, आज वो 25.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं। वो आज भारत के सबसे बड़े निजी पोर्ट (मुंद्रा, गुजरात) के मालिक हैं और उनका व्यापार विदेशों में भी फैला है।
मुकेश अंबानी- मुकेश अंबानी ने अपने पिता के बिज़नेस को संभालने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। 1980 में मुकेश अंबानी Ivy League School से ड्रॉप आउट हो गए और पिता के बिज़नेस में हाथ बंटाने लगे। उन्होंने अपने एमबीए प्रोग्राम को कम समय का करवा लिया था इसलिए एक तरह से उन्हें ड्रॉप आउट कहना ज़्यादा सही नहीं होगा। मुकेश अंबानी 88 बिलियन डॉलर संपत्ति के साथ आज एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
सावित्री जिंदल- बिज़नेस इंसाइडर वेबसाइट के अनुसार, सावित्री जिंदल कभी स्कूल नहीं गईं। वो आज भारत की सबसे अमीर महिला और जिंदल ग्रुप की मालकिन हैं। उनके कंपनी, जिसका बंटवारा हो चुका है, को उनके चार बेटे – पृथ्वीराज, सज्जन, रतन और नवीन जिंदल चलाते हैं। उनकी कुल संपत्ति 7 बिलियन डॉलर है।
अज़ीम प्रेमजी- भारत के अरबपतियों में शामिल अज़ीम प्रेमजी (8.1 बिलियन डॉलर) ने 21 साल की उम्र में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। पिता की मृत्यु के बाद वो बिज़नेस संभालने भारत आ गए। उन्होंने अपने पिता की छोटी सी कंपनी को विश्व के एक बड़े आईटी पॉवरहाउस विप्रो में बदल दिया। आपको बता दें कि 34 सालों बाद दोबारा अज़ीम प्रेमजी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
सुभाष चंद्रा- सुभाष चंद्रा जब 12 साल के थे तब उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा था। उनके परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो स्कूल की फीस दे पाएं। 1965 में उन्होंने अपना छोटा सा बिज़नेस शुरू किया ताकि अपने परिवार का कर्ज़ चुका पाए। सुभाष चंद्रा आज मीडिया इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक हैं। उन्होंने भारत के पहले निजी टेलीविजन चैनल की शुरुआत की थी। उनकी कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर है।