अर्णव की गिरफ्तारी, चौथे स्तंभ को दबाने की साजिश :- शास्त्री

पत्रकारिता का धर्म निभा रहे रिपब्लिक भारत के एडिटर इन चीफ अर्नव गोस्वामी जी को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की कार्यवाही का ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन परिवार द्वारा देशभर में किया जा रहा है पुरजोर विरोध

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा है कि पत्रकार अर्नव गोस्वामी को महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर गिरफ्तार करने की घटना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने एवं खुलेआम पत्रकारिता की गला घोटना है, महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस प्रकार से पत्रकारों का किए जा रहे उत्पीड़न की जितनी भी घोर निंदा की जाए वह कम है।

साथ ही शास्त्री जी ने यह भी कहा कि आघाडी सरकार जिस प्रकार से सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकारों का उत्पीड़न करवा रही है और उन्हें गिरफ्तार करवा रही है वह एक तानाशाही रवैया है।

 

 

इसके पूर्व में भी महाराष्ट्र सरकार द्वारा गैरकानूनी ढंग से, पत्रकारिता का धर्म निभा रहे गोस्वामी जी के खिलाफ अनुचित कार्यवाही किया गया था जिस पर PCI ने स्वत संज्ञान लेकर कड़ी फटकार लगाई थी एवं ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा भी महाराष्ट्र सरकार के पत्रकार विरोधी नीतियों का खुला विरोध किया गया था।

श्री शास्त्री जी द्वारा स्पष्ट रूप से महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया है की यदि तत्काल प्रभाव से पत्रकार अर्नव गोस्वामी जी को रिहा नहीं किया गया एवं फर्जी मुकदमे को वापस नहीं लिया गया तो ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा महामहिम राष्ट्रपति एवं मा. प्रधानमंत्री व महामहिम राज्यपाल एवं मा.अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद को रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से ज्ञापन भेजते हुए, माननीय सक्षम न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल किया जाएगा।

श्री शास्त्री जी द्वारा पुनः दोहराते हुए कहा गया है कि अर्णव गोस्वामी को गिरफ्तार कर उनके साथ एवं उनके परिवार के साथ मारपीट करना पूरे पत्रकारिता पर सीधा-सीधा कुठाराघात व गला घोटना जैसा है।

उपरोक्त बातो पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन परिवार द्वारा संविधान की रक्षा करने व करवाने वाले चौथे स्तंभ के सिपाहियों/कलमकारो/मनिषियो/ राष्ट्र प्रेमियों के समर्थन में देशभर में धरना प्रदर्शन कर महाराष्ट्र सरकार के तुगलकी नीति का खुला विरोध करते हुए देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

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