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आप किसी का दिल जीत सकते हैं बस करें ये काम

दुनिया में हर किसी की ख्वाहिश होती है कि वो हर दिल अजीज हों , सबकी जुबां और दिल में बस उनका ही नाम...

अक्टूबर में 11 दिन बंद रहेंगे बैंक, देखिए छुट्टियों की पूरी लिस्ट

नई दिल्ली : अक्टूबर में कुल 11 दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी जिसके चलते बैंकों का कामकाज बंद रहेगा, आपको बतादे अक्टूबर महीने में...

Facebook-WhatsApp-Instagram की तकनीकी दिक्कत खत्म..

सोशल नेटवर्किंग साइट Facebook, WhatsApp और Instagram में आई तकनीकी खामी दूर की ली गई है. इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अब पहले...

भारत का पहला एक्सआर (एक्सटेन्ड रियलिटी) सेंटर, जी0एल0 बजाज में स्थापित किया गया

भारत का पहला एक्सआर (एक्सटेन्ड रियलिटी) सेंटर, जी0एल0 बजाज, पिक्सेल गैलेक्सी प्रा0 लि0 एवं कोरियन एसोसिएटस इलेक्ट्रॉनिक एवं टेलीकम्यूनिके नि रिसर्च इंस्टीट्यूट (ई0टी0आर0आई0, कोरियन...

युगांडा में महिला उद्यमी को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक महिला गठजोड़ वूमेनोवेटर इंटरएक्शन: युगांडा के राजदूत: व्यापार और व्यवसाय

एम स एम इ मंत्रालय और अन वोमेन के सहयोग से महिला सशक्त वोमेनोवेटर  बनाना, महिलाओं के लिए 8 मार्च 2019 को 2019 का अभियानशुरू किया है, जिसका उद्घाटन वाणिज्य और उद्योग मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु द्वारा सफलतापूर्वक किया गया था, जिसने रिकॉर्ड एशिया कीरिकॉर्ड बुक तैयार की 2018 में। वोमेनोवेटर ने होटल जेपी वसंत, वसंत विहार मे महिला उद्यमियों के लिए युगांडा के महामहिम के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की। एजेंडा था "युगांडा मेंमहिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक महिला गठजोड़" जिसका उद्देश्य भारतीय महिला उद्यमियों को युगांडा और इसके विपरीत अपने व्यापार का विस्तारकरने में मदद करना है। इस बैठक का उद्घाटन एच ग्रेस अकेलो, युगांडा के राजदूत, तृप्ति शिंगल सोमानी, संस्थापक वोमेनोवेटर, गौरव गुप्ता के साथ किया गया, जिसके प्रमुख अंतरराष्ट्रीयसमिति ने सभी अतिथियों के साथ-साथ उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व के स्वागत भाषण दिया। श्रीमती तृप्ति   शिंगल सोमानी ने वोमेनोवेटर के बारे में सभी को अवगत कराया जो महिलाओं के लिए पहला वर्चुअल इन्क्यूबेटर है, जिन्होंने महिलाओं को एक मंचप्रदान करके महिला सशक्तीकरण के कारणों का समर्थन करने के लिए निर्धारित किया है, जिनके पास असाधारण विचार हैं, विकसित करने के लिए। उन्होंने युगांडामें विभिन्न अवसरों की प्रतीक्षा करने और स्थानीय श्रम को रोजगार देने के बारे में भी बात की, जो युगांडा की अर्थव्यवस्था को लाभान्वित करेगा और भविष्य मेंमहिलाओं के प्रतिनिधिमंडल को देश में ले जाएगा। महामहिम ने युगांडा में विभिन्न क्षेत्रों के बारे में भी जोर दिया और भारत के साथ व्यापार शुरू करने का एक बड़ा अवसर हो सकता है। उन्होंने युगांडा में तेल उद्योग कोविकसित करने के अपने प्रयासों, युगांडा में अच्छी निवेश जलवायु के बारे में भी बताया। उन्होंने युगांडा को एक मजबूत अर्थव्यवस्था में बदलने की महत्वाकांक्षाओंके बारे में भी बताया। वोमेनोवेटर के महिला प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान अपने उत्पादों और सेवाओं के बारे में बात की। इन महिला उद्यमियों ने इस ज्ञान और प्रतिक्रिया को भी इकट्ठाकिया कि कैसे वे अपने कारोबार को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक विस्तारित कर सकती हैं, चुनौतियों को समझने के साथ-साथ विदेशी बाजार के रुझान और देश कीआर्थिक संस्कृति और मान्यताओं की झलक भी। महिला उद्यमियों को घरेलू सीमाओं के बाहर अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कई स्रोत और अवसर खोलने से "मीट" समाप्त हो गई, निवेश के अवसर प्रदान करने,उन्हें नई दिशा देने से भारत और युगांडा के बीच व्यापार संबंधों को भी मजबूत किया गया।

अगर बड़े पैमाने पर होती रिलीज़ तो निश्चित ही करती कलंक से बहतर बिज़नेस  :  ‘द ताशकेंत फाइल्स’ म्यूजिक कंपोजर

कलंक और एवेंजर्स एंडगेम जैसी मल्टी-स्टारर बड़े बजट प्रोजेक्ट्स के साथ 'द ताशकेंत फाइल्स ’की रिलीज़ को फिल्म ट्रेड विश्लेषकों द्वारा पहले एक बुरा निर्णय माना गया था, लेकिन फिल्म कीसफलता ने सभी विरुद्ध विश्लेषणों को ही गलत साबित कर दिया। फिल्म कलंक की तुलना में केवल छह प्रतिशत अर्थात 250 स्क्रीन होने के बावजूद द ताशकेंत फाइल्स ने पहले चार हफ्तों में ही लगभग 14.35 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। फिल्म के बैकग्राउंडस्कोर संगीतकारो सत्या-मानिक-अफसर की तिकड़ी का मानना है कि अगर द ताशकेंत फाइल्स को एक बड़े पैमाने पर रिलीज़ किया गया होता तो निश्चित ही यह फिल्म कलंक से कहीं बेहतर मुकामहासिल करती | मानिक बत्रा का कहना है कि, "हर वीकेंड पर सिनेमाघरों में हमारी फ़िल्म को देखने के लिए आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या इसकी सफलता का प्रमाण है| दर्शकों को जिस मजबूत और वास्तविककंटेंट की तलाश थी उन्हें वह सब हमारी फिल्म में देखने को मिला और यही कारण है कि कम स्क्रीन के बावजूद 'द ताशकेंत फाइल्स' ने बहुत अच्छा काम किया। '' क्या बॉक्स ऑफिस कलेक्शन असल सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण है? इस बात पर टिप्पणी करते हुए मानिक (जिन्होंने अपनी टीम के साथ आज तक लगभग 30 टेली-सीरीज़ के लिए बैकग्राउंडस्कोर दिया है) ने कहा, “एक अच्छी कहानी और शानदार प्रदर्शन वाली फिल्म दर्शकों के साथ-साथ निश्चित रूप से आलोचकों द्वारा भी सराही जाती है ।, लेकिन हम इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं करसकते कि बॉक्स ऑफ़िस भी फिल्म की आलोचनात्मक वाहवाही के जितना ही महत्वपूर्ण है और हमसे भी ज्यादा यह फिल्म के निर्माताओं और फाइनेंसरों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे जितनाज्यादा कमाएंगे, फिल्म जगत में शामिल सभी लोगो को उतना ही ज्यादा काम मिलेगा| सत्या-मानिक- अफसर की प्रसिद्ध तिकड़ी फिल्म 'खामोशी' में एक नए गीत और फिल्म 'कोलायथिर कलाम' के तमिल वर्जन के साथ जल्द ही दर्शको के सामने आने वाली है। फिल्म का निर्देशनचकेरी टोलेटी द्वारा किया गया है और दोनों फिल्मों में अलग-अलग स्टार कास्ट की गयी है| फिल्म 31 मई को रिलीज होगी।

विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लीची उत्पादक देश है भारत

-अनिता चौधऱी लीची का बाजार 20-22 दिन होता है लेकिन अपने इतने कम दिनों में लीची का बाजार पूरे वर्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करा देता...

न्यूयॉर्क बनेगा असमिया सिनेमा के पुनरुज्जीवन का गवाह  : शाहनाब आलम

न्यूयॉर्क बनेगा असमिया सिनेमा के  पुनरुज्जीवन का गवाह  :शाहनाब आलम  नए युग के प्रतिभाशाली फिल्मनिर्माताओं द्वारा अपने अनूठेऔर वास्तविक कंटेंट को सामनेलाने के साथ,  असमिया सिनेमापु के दौर से गुजर रहा है जिसने70 और 80 केदशक के दौरान अपना उमंगभरा समय देखा था , विशेषकरतब जब लगभग छः वर्षो तकअधिकांश राष्ट्रीय पुरस्कारजाहनू बरुआ और भाबेंद्र नाथसैकिया के बीच ही बांटे गए थे।   अपनी आखिरी फिल्म के बादसे लगभग पांच साल केअंतराल के बाद जब जाहनूबरुआ ने एक और फिल्म बनानेके लिए तैयार हुए तब उन्होंनेअसमिया सिनेमा के इसपुनरुत्थान में शक्ति को जोड़नेके लिए मुंबई से प्रियंका चोपड़ाऔर शाहनाब आलम जैसेप्रमुख फिल्म निर्माताओं कोएक साथ जोड़ा जिन्होंने 'भोगाखिरिके' के निर्माण में अपनीकंपनियों पर्पल पेबल पिक्चर्स(प्रियंका चोपड़ा) और ईस्टरलीएंटरटेनमेंट ( शाहनाब आलम)सहित ख़ासा योगदान दिया| उम्मीद के अनुसार, फिल्म पहलेही उचित ध्यान बंटोरकरआधिकारिक तौर पर 19 वेंन्यूयॉर्क इंडियन फिल्मफेस्टिवल (एनवाईआईएफएफ)के लिए चुनी जा चुकी है|  साथही असम के कुछ कुशलआधुनिक फिल्म निर्माताओंद्वारा बनाई गई दो अन्य फीचरफिल्मों और एक डॉक्यूमेंट्री ।इतना ही नहीं बल्कि दो औरअंतर्राष्ट्रीय फेस्टिवल्स के लिएपहले ही  'भोगा खिरिके' को लेकर रोचनात्मक बातें सामनेआ चुकी है ,जिनके लेकर जल्दही  घोषणाएं की जायेंगी| ग़ौरतलब है कि जाहनू बरुआद्वारा निर्मित फिल्मों को बारह राष्ट्रीय पुरस्कार दिये जा चुके है,और उनके सिनेमा को कईप्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीयविश्वविद्यालयों में अध्ययनसामग्री के तौर पर दिया जाताहै, इतना ही नहीं इन्हीविश्वविद्यालयों में से एमआईटी,हार्वर्ड, यूसीएलए संयुक्त राज्यअमेरिका और स्विटज़रलैंड के फ़ोरबर्ग विश्वविद्यालय में उन्हेंछात्रों के साथ बातचीत करने केलिए आमंत्रित किया जा चुकाहै। भारत में सिनेमा के 100वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मेंभारत के फिल्म अभिलेखागारद्वारा संकलित दस सबसे महत्वपूर्ण फिल्मो की सूची मेंजाहनू बरुआ की प्रसिद्ध फिल्म' हालोधिया चौरे बुधनी खाय'भी शामिल है ऐसा पहली बार हुआ है किसी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में आसामी फिल्म निर्माता द्वारा बनाई गई चार फिल्मों को एक साथ प्रदर्शित जा रहा है जिसके तहतएनवाईआईएफएफ 2019 केलाइनअप में जाहनू बरुआ द्वारा'भोगा खिरिके', भास्करहजारिका द्वारा रीमा दास द्वारा'बुलबुल कैन सिंग', 'आमिस'और मुंबई से जुड़े एकअसमिया डॉक्यूमेंट्री फिल्मनिर्माता रूपा बरुआ कीडॉक्यूमेंट्री 'डॉटर्स ऑफ द पोलोगॉड' को शामिल किया गया हैं। “निःसंदेह यह इस बात कासंकेत है कि वर्तमान समय मेंअसमिया सिनेमा मास्टर ऑटर(जाहनू बरुआ) और सभी युवाप्रतिभाओं के साथ मिलकरआसमीय सिनेमा के पुनरुत्थानको सशक्त बना रहा है।

मनोज तिवारी के समर्थन मे उतरे कई सिने स्टार, रोड शो और सभाएँ कर...

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोक सभा प्रत्याशी श्री मनोज तिवारी के समर्थन में अब कई मशहूर फिल्मी...

दिल्ली के मुख्यमंत्री जानबूझकर आयुष्मान भारत योजना को रोक रहे हैं: लेखी

भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता और नई दिल्ली लोकसभा की उम्मीदवार मीनाक्षी लेखी ने रविवार को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ बातचीत...

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बाबासाहेब आंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, उसमें वक्फ कानून की कोई जगह...

नई दिल्ली। बाबासाहेब आंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, उसमें वक्फ कानून की कोई जगह नहीं है। कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए...