फाइलेरिया उन्मूलन • जिले में 07 जुलाई से शुरू होने वाले एमडीए अभियान की सफलता को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

  – जिला स्वास्थ्य समिति परिसर स्थित सभागार हाॅल में कार्यशाला का आयोजन

 – प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, भीडीएस कर्मी, केयर बीसी समेत अन्य हुए शामिल 

 लखीसराय-

 जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अगले माह 07 जुलाई से शुरू होने एमडीए (सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम) अभियान की सफलता को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। यह कार्यशाला सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति परिसर स्थित सभागार हाॅल में हुआ।

जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बीसीएम, भीडीएस कर्मी, केयर बीसी समेत अन्य पदाधिकारी और कर्मी शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान उक्त अभियान की सफलता को विस्तृत चर्चा की गई एवं जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार, गौतम प्रसाद एवं भगवान दास द्वारा मौजूद सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया।

अभियान की सफलता को लेकर अभी से आवश्यक तैयारी में जुट जाने समेत पीएचसी स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार करने, आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक करने, पारिवारिक पंजी व पर्यवेक्षण पंजी तैयारी करने समेत अन्य निर्देश दिए गए हैं। साथ में किस उम्र के व्यक्ति को किस मात्रा में दवाई का सेवन कराना है, दवाई के सेवन के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना तमाम जानकारियाँ दी गई।

इस मौके पर केयर इंडिया के स्टेट से आए जूनियर एसपीएम प्रीति, पीसीआई के एसपीएम अशोक सोनी, एसीएमओ सह डीआईओ डाॅ अशोक कुमार भारती, केयर इंडिया के\ डीटीएल नावेद उर रहमान समेत आईसीडीएस एवं जीविका के पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे। 

 – गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को नहीं खिलाई जाएगी दवा : सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, अभियान के दौरान घर-घर जाकर  एलबेंडाजोल और डीईसी की दवाएं पात्र व्यक्तियों को खिलाई जाएगी। उक्त दवा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाएगी।

इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए जागरूक की जाएगी। ताकि उक्त अभियान का सफलतापूर्वक समापन एवं बीमारी पर रोकथाम संभव हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई के साथ-साथ एहतियात भी जरूरी है। इसलिए, अभियान के दौरान योग्य व्यक्तियों को दवाई तो खिलाई ही जाएगी।

इसके अलावा इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। जैसे कि, घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं घरों में सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही अन्य लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक भी करें, ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी जड़ से समाप्त हो सके। इस बीमारी को पूरी तरह से मिटाने के लिए जागरूकता भी बेहद जरूरी है। 

 – निर्धारित डोज के अनुसार खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा :

 कार्यशाला के दौरान यह बताया गया कि सभी लाभार्थियों को निर्धारित डोज के अनुसार ही दवाई खिलाई जाएगी। 02 से 05 आयु वर्ग के एल्बेंडाजोल और डीईसी की  एक-एक गोली, 05 से ऊपर  एवं 14 आयु तक के लाभार्थियों को डीईसी की 2 और एल्बेंडाजोल की एक गोली तथा इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों को डीईसी की तीन और एल्बेंडाजोल की एक गोली का सेवन कराया जाएगा। 

– अभियान के दौरान परिवार के सदस्यों के विवरण की भी ली जाएगी जानकारी : अभियान के दौरान प्रत्येक परिवार के सदस्यों का विवरण की भी जानकारी ली जाएगी। जैसे, परिवार में कुल कितने सदस्य हैं। सभी का नाम, उम्र समेत अन्य जानकारी प्राप्त पंजी में पूरा डिटेल दर्ज किया जाएगा। साथ ही दो वर्ष से छोटे बच्चे, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति एवं गर्भवती व एक सप्ताह पूर्व माँ बनी महिलाओं का भी विवरण लेकर अलग पंजी में दर्ज किया जाएगा। क्योंकि, ऐसे लोगों को दवाई नहीं खिलाई जाएगी।

 – फाइलेरिया क्या है ? 

– फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।

– किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।

– फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।

 – किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं। – इन बातों का रखें ख्याल

: – भूखे पेट दवा नहीं खिलानी  है।

– किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।

– गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी  है। 

– 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी  है। 

– गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है। 

 – फाइलेरिया से बचाव के उपाय

: – सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।

– घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।

– एल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।

 – साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

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