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राजनीतिक तनाव के बीच पार्टियों के रक्तदान शिविरों में गिरावट के कारण रक्त आपूर्ति पर प्रभाव

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के कारण, राजनीतिक दल द्वारा रक्तदान शिविरों का आयोजन अभी लगभग बंद हो गया है। नतीजतन, मुंबई में खून की कमी हो गई है।

दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने 20 प्रतिशत राजनीति और 80 प्रतिशत सामाजिक कारणों के लिए शिवसैनिकों को तैयार किया था। इसलिए पिछले कई वर्षों से मुंबई में शिवसेना द्वारा अधिकतम रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते रहे हैं। लेकिन अब शिवसेना में ही पैदा हुई अस्थिरता के कारण रक्तदान शिविरों का आयोजन लगभग ठप हो गया है।

अलग-अलग तबके के शिवसैनिक असमंजस में हैं कि बोर्ड पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की तस्वीर का इस्तेमाल कर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाए या संबंधित क्षेत्र के बागी नेता के नाम का इस्तेमाल किया जाए? शिविर का श्रेय किसे देना चाहिए? यही भ्रम है।

महाराष्ट्र राज्य रक्ताधान परिषद के संयुक्त निदेशक डॉ. अरुण थोराट ने कहा कि वर्तमान में सात दिनों तक पर्याप्त रक्त की आपूर्ति होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए अगस्त-सितंबर के महीनों में राज्य भर में बड़े पैमाने पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे।

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