अलजेब्रा से लेकर यूनिवर्स तक, वेदों से आए साइंस के सिद्धांत, यूरोप वैज्ञानिकों ने की है नकल

अलजेब्रा से लेकर यूनिवर्स तक, वेदों से आए साइंस के सिद्धांत, यूरोप वैज्ञानिकों ने हमारी नकल की है। साइंस के सिद्धांतों की उत्पत्ति वेदों से हुई है। बाद में अरब देशों के जरिए ये सारा ज्ञान यूरोप तक पहुंचा जिसे बाद में वहां के वैज्ञानिकों की खोजों के रूप में पेश किया गया।

इसरो के चीफ एस सोमनाथ के मुताबिक अलजेब्रा, स्क्वार रूट्स समय का परा कॉन्सेप्टस आर्किटेक्चर, यूनिवर्स का स्ट्रक्चर जैसी कई चीजें सबसे पहले वेदों में पाई गई थीं। सोमनाथ ने ये बात उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही।

उनके मुताबिक एक समस्या ये भी थी कि भारतीय वैज्ञानिक संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते थे। इसकी कोई लिखित लिपि नहीं थी। इसे सुना गया और याद कर लिया गया, बाद में लोगों ने संस्कृत के लिए देवनागरी लिपि का इस्तेमाल करना शुरू किया।

बताया कि इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को संस्कृत बहुत पसंद है। यह कंप्यूटर की भाषा को सूट करती है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखने वाले इसे सीखते हैं।

उन्होंने बताया कि भारतीय साहित्य जो संस्कृत में लिखा गया, वो मूल और दार्शनिक रूप से काफी ज्यादा समृद्ध है। संस्कृत में वैज्ञानिकों ने कितना योगदान दिया इसका अंदाजा भारतीय संस्कृति की हजारों सालों की यात्रा से लगाया जा सकता है। संस्कृत में वैज्ञानिकों के योगदान की छाप हजारों वर्षों की भारतीय संस्कृति की यात्रा में देखी जा सकती है।

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