हवाई यात्रा हो जाएगी सस्ती, यात्रियों को उन सेवाओं को चुनने का विकल्प मिलेगा, जिनका इस्तेमाल वे सफर के दौरान करना चाहते हैं। इसके तहत एयरलाइंस कंपनियां अब यात्रियों पर गैर-जरूरी सेवाएं नहीं थोप सकेंगी। इस संबंध में डीजीसीए ने एयरलाइंस कंपनियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
कई शिकायतों की जाँच में डीजीसीए ने पाया है कि यात्रियों को उन सेवाओं के लिए भी भुगतान करना पड़ता है, जिनकी उन्हें आवश्यकता ही नहीं होती है। इससे गैर जरूरी सेवाओं के शुल्क का भार यात्रियों की जेब पर बढ़ जाता है।
अब यात्री तय कर सकेंगे कि उन्हें कौन सी सुविधा चाहिए और कौन सी नहीं। इससे हवाई टिकट फेयर में कमी आएगी और किराया सस्ता हो सकेगा। दरअसल, यात्री किराए में एयरलाइंस कई सेवाओं का शुल्क जोड़ देती हैं। इससे बेस फेयर और अंतिम शुल्क में बड़ा अंतर आ जाता है। अब नए निर्देश से यात्रियों के लिए हवाई यात्रा कुछ किफायती हो सकती है।
डीजीसीए ने यह भी निर्देश दिया है कि यात्री की ओर से चुनी गई सेवाओं के लिए शुल्क निश्चित यानी फिक्स होगा। किसी विशेष क्षेत्र या उड़ान के आधार किराए के यह शुल्क अलग-अलग नहीं होगा। एयरलाइंस को अपनी वेबसाइट पर सेवाओं और उनके शुल्कों को पारदर्शी और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा।