नई दिल्ली।

जीवन रक्षक दवाओं के दाम बढ़ सकते हैं जिसमें अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, ट्यूबरकुलोसिस और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के इलाज में जरूरी कई दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। सरकार ने इनकी सीलिंग प्राइस में 50% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। यह फैसला क्यों लिया गया, सरकार ने इस बारे में भी बताया है। एक बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) को दवा सामग्रियों की बढ़ती लागत, बढ़ती उत्पादन लागत, विनिमय दरों में बदलाव और दूसरे कई कारणों का हवाला देते हुए कीमतों में वृद्धि के लिए निर्माताओं से आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इसके चलते दवाओं का लगातार उत्पादन और उपलब्धता संभव नहीं है।’

इनमें से अधिकांश दवाएं सस्ती हैं और आम तौर पर पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम्स के लिए महत्वपूर्ण पहली पंक्ति के उपचार के रूप में उपयोग की जाती हैं। एनपीपीए ने इससे पहले 2019 और 2021 में जनता के लिए आवश्यक दवाओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्रमशः 21 और 9 फॉर्मूलेशन की कीमतों में 50% की वृद्धि करने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया था।

इन दवाओं के लिए अधिकतम कीमतों में बढ़ोत्तरी के लिए संशोधन किया गया है –
– बेंजाइल पेनिसिलिन 10 लाख आईयू इंजेक्शन
– एट्रोपीन इंजेक्शन 06.mg/ml
– स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर इंजेक्शन के लिए 750mg और 1000mg
– साल्बुटामोल टैबलेट 2mg और 4mg और रेसपिरेटर सॉल्यूशन 5mg/ml
– पिलोकार्पिन 2% ड्रॉप्स
– सीफेड्रॉक्सिल टैबलेट 500mg, डेस्फेरियोक्सामाइन 500mg इंजेक्शन के लिए
– लिथियम टैबलेट 300mg

 

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